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    कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के सामने युवक की हुई पिटाई, कांग्रेस ने नेताओं की नैतिकता पर उठाये सवाल

    उत्तराखंड में एक बार फिर सरेआम नेता के सामने पिटाई की ख़बर सामने आई हैं। मामला देहरादून के डाकरा बाजार में कैबिनेट मंत्री के सामने एक युवक की पिटाई का है।

    घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। डाकरा बाजार में एक युवक की पिटाई का मामला सामने आया है।

    बताया जा रहा है कि युवक ने कई दुकानों में घुसकर सामान उठाया और लोगों के साथ मारपीट की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी वहां से गुजर रहे थे। हंगामा देख वह मौके पर पहुंचे तो सिरफिरे ने उन्हें भी पकड़ने का प्रयास किया।

    इस दौरान भीड़ ने उसे वहां से हटाया और मंत्री के सामने ही उसकी खूब धुनाई कर दी। इस दौरान मंत्री लोगों को रोकते हुए भी दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि, युवक ने दुकानों में घुसकर सामान उठाया और भागने लगा। लोगों ने रोका तो उनके साथ भी मारपीट करने लगा।

    इस दौरान वहां से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी गुजर रहे थे। हंगामा देख वह रुक गए मामले की जानकारी ली। इस दौरान भीड़ ने उसे पकड़ लिया और मंत्री के सामने ही उसकी खूब धुनाई कर दी। पुलिस ने बताया कि युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कैंट कोतवाली के इंस्पेक्टर संपूर्णानंद गैरोला ने बताया कि युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस घटना की तीखे शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेकर जो मंत्री जनता की रक्षा की सौगंध खाते हैं, उन्हीं के सामने गरीब जनता की पिटाई हो रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं। कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाले और कोई नहीं बल्कि भाजपा के ही नेता इसमें संलिप्त हैं।

    करन माहरा ने कहा कि गणेश जोशी की सच्चाई से पूरा प्रदेश वाकिफ है। उन्होंने जिस तरह से अंसल ग्रीन वैली में अपने पार्षदों से एक व्यापारी के घर पर हमला करवाया, उस दिन सत्ता का दुरुपयोग देखने को मिला है। लेकिन अफसोस की बात है कि जिस व्यापारी के घर पर हमला किया गया, उसी पर धारा 307 लगा दी गई।माहरा ने मंत्री की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम पर मंत्री मूकदर्शक बने रहे। बेहतर होता है कि वह इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन से सहयोग ले सकते थे।

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