निश्चित मानदेय न होने से आशा कर्मचारियों को दिनचर्या चलाने में हो रही दिक्कत
भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ की 11दिसंबर दिल्ली जंतर-मंतर में विशाल रैली निकाल कर आशा कर्मचारियों को केन्द्र सरकार व राज्य सरकार निश्चित मानदेय दो, व कार्य को देखकर व आशा कर्मचारियों की योग्यता के अनुसार उनकी पदोन्नति के बारे केन्द्र सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को ज्ञापन दिया जायेगा।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आधीन देश समस्त आशा कर्मचारियों के द्वारा अपनी जल्वंत समस्याओं के निराकरण हेतु भारतीय मजदूर संघ के आव्हान में एक दिवसीय विशाल रैली में शामिल होने का निश्चय किया है।
ज्वलंत समस्याओं की सरकार कर रही अनदेखी
देहरादून से अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष /उत्तराखंड आशा फेसिलेटटर प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने बताया कि आशा एवं आशा फेसिलेटटर स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सरकारी कामकाज को भी हमेशा ईमानदारी व निष्ठापूर्वक करती आ रही है।
आशा कर्मचारियों ने लंबे समय से उत्तराखंड सरकार व केन्द्र सरकार को अपनी जल्वंत समस्याओं के निराकरण हेतु अवगत कराया। लेकिन अभी तक ना हमको राज्य सरकार के द्वारा कोई निश्चित मानदेय और न केन्द्र सरकार से कोई निश्चित मानदेय मिलता है।
दिनचर्या चलाने में हो रही दिक्कत
इस मंहगाई के समय टुकड़ों में पैसा दिया जाता जो हमको अपने दिनचर्या चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से अपनी निश्चित मानदेय के लिए लड रही आशा कर्मचारियों ने आक्रोशित होकर भारतीय मजदूर संघ के आव्हान में 11दिसबर दिल्ली जंतर-मंतर में एक दिवसीय बिशाल रैली का आयोजन करके केन्द्र सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को ज्ञापन देने का निश्चय किया है।