घटते पारे के साथ बढ़ते रहे दर्शक
अल्मोड़ा। रामलीला के चतुर्थ दिवस नन्दा देवी में राम को वनवास हुआ। चतुर्थ दिवस का मुख्य आकर्षण राजा दशरथ – कैकयी संवाद रहा। दशरथ का पात्र वरिष्ठ पत्रकार नवीन बिष्ट ने और कैकयी का पात्र कु. पूजा ने निभाया।
ठंड के बावजूद देर रात तक राम भक्त लीला देखने को डटे रहे। पात्रों के शानदार अभिनय और गायन पर दर्शकों ने तालियों से उनका मनोबल बढ़ाया।
मंथरा के बहकावे में आकर कैकयी ने राजा दशरथ से राम को 14 साल का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाया।
कोप भवन में बैठी कैकयी को मनाने जब अयोध्या के राज दशरथ पहुंचे तो उनकी रानी ने उनको युद्ध भूमि के वचनों की याद दिलाते हुए दो वर मांगे। उन्होंने राजा से कहा कि देहू पिया मोहे द्वि वरदाना। तो राजा दशरथ ने रघुकुल की परंपरा का वास्ता देते हुए कहा कि राजा दषरथ हमने ना बोले झूठ पटल जाए ये मही सारी।
कैकयी ने अपने बेटे भरत के लिए राजपाठ मांग और राजा राम को 14 साल का वनवास मांगा। राजा दशरथ ने अपने वचनों को पूरा किया। राम पात्र हर्ष जोशी ने, लक्ष्मण का अभिनव मेहरा, सीता को किरन परगांई, मंथरा को तुषार जोशी, कौशल्या कु0 प्रेरणा काण्डपाल ने , सुमित्रा कु0 दीक्षा हर्बोला ने निभाया।
इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष कुल्दीप मेर, सचिव व सभाषद अर्जुन बिष्ट, पारितोश जोषी, निदेशक गणेश मेर आदि मौजूद थे।