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    चैत्र नवरात्र के अवसर पर ओम ब्राह्मण महासभा ने करवाया फलाहार भंडारा

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    अगर हमें अपने ऊपर ही चिंतन करना है तो इस समाज में रहने का क्या अर्थ हैं?- धनंजय द्विवेदी

    सनातन धर्म “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की बात करता है –महेंद्र पंत

    लखनऊ। चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  धनंजय द्विवेदी तथा कमहासभा की पूरी कमेटी के सहयोग से विंध्याचल मंदिर ताड़ीखाना लखनऊ में नवरात्रि उपवास धारको के लिए फलाहार की व्यवस्था कराई गई इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा तमाम आगंतुकों का सम्मान भी किया गया दोपहर 12 बजे से लगातार 5 तरह के फलों का वितरण किया गया जिसमें करीब 3000 व्यक्तियों को फलाहार कराया गया। फलाहार करने वाले व्यक्तियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा की अगर सारे सनातन धर्म के लोग इस तरीके का आयोजन करना शुरू कर दें तो शायद हिंदू धर्म-कर्म में लोगों की आस्था और विश्वास बढ़ेगा साथ ही साथ लोगों ने ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी की भी भूरी भूरी प्रशंसा की।

    इस दौरान धनजंय द्विवेदी ने मैथलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां “जन्म हुआ किस अर्थ अहो
    समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो”…कहते हुए कहा अगर हमें अपने ऊपर ही चिंतन करना है तो इस समाज में रहने का क्या अर्थ हैं? समाज के हर तबक़े पर हमारी नजर होनी चाहिए। और ब्राम्हण का अर्थ होता संस्कार देना, धर्म की रक्षा करना, देश की रक्षा करना। जितने भी महान लोग हुए हैं उन्होंने जीवन का एक एक पल समाज को समर्पित किया है।


    कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए पर्वतीय महापरिषद के उपाध्यक्ष महेंद्र पन्त ने कहा सनातन धर्म “वसुधैव कुटुम्बकम्”, “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की बात करता है, इसके धर्मग्रंथों यथा वेद और श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान जो निष्काम कर्म और आत्मा परमात्मा का ज्ञान प्रदान करता है, इसकी परंपराएं जो वैज्ञानिक सिद्ध हो चुकी है। आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। आज कुछ लोग सनातन धर्म के नाम पर दिग्भर्मित हो गए हैं। हमारे सनातन मे सभी जात- धर्म, अमीर- गरीब को एक समान माना गया है। और आज सनातन धर्म मजबूत करने का वक्त आ गया हैं।  एक ब्राम्हण का अर्थ सिर्फ़ ज्ञान बाटना नहीं जरूरत पड़ने पर शस्त्र उठाना भी है। चैत्र मास नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा केवल सनातनी ही नही प्रकृति भी इसका उत्सव मनाती हैं। आज अंग्रेजी नववर्ष बनाना भारतीयों की मजबूरी नहीं आदत भी हो गयी हैं। लेकिन भारत भी तरक्की की ओर अग्रसर है और आने वाले समय में भारत का इतिहास सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा। जिसके लिए बहुत से संगठन , लोग और ओम ब्राह्मण महासभा राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही हैं।

    इस अवसर पर अतिथि पूजा शुक्ला, (पूर्व प्रत्याशी विध नसभा), अनुराग मिश्रा (पूर्व पार्षद चौक) नवीन द्विवेदी, ( सचिव ओम ब्राह्मण महासभा), अरुणेंद्र मौर्य (राष्ट्रीय अध् यक्ष शिव पार्वती बर्फानी सेवा संस्थान लखनऊ), सुभाष तिवारी, महेंद्र पंत (पर्वतीय महापरिषद, उपाध्यक्ष) एसएन पाण्डेय (संरक्षक), वैभव गौतमग (राष्ट्रीय महासचिव), मनोज कुमार मिश्र (प्रदेश सचिव) किरन शर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ) रचना तिवारी (महानगर अध्यक्ष ) आए हुए अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

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