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    अल्मोड़ा: जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गोट वैली योजना के क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तरीय गठित समिति बैठक का हुआ आयोजन

    उत्तराखंड में बकरी पालन जीविका उपार्जन का एक महत्वपूर्ण साधन है। राज्य में पलायन की समस्या के निराकरण एवं रोजगार के सुलभ अवसर प्रदान करने में बकरी पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। उत्तराखंड राज्य के समस्त घाटी व मैदानी क्षेत्रों में बकरी पालन का मूल्य श्रंखला आधारित व्यवसायिक मॉडल स्थापित कर ग्रामीण आर्थिकी के उत्थान में समुचित अवसर उपलब्ध कराने, बकरी पालन गतिविधि को सहयोग तथा सशक्तिकरण करने हेतु पशुपालन विभाग उत्तराखंड एवं उत्तराखंड राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना “भेड़ बकरी सेक्टर” के माध्यम से उत्तराखंड के समस्त जिलों के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों  की स्थापना की गई है।
    अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए
        इस योजना के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर गठित समिति की बैठक आज कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी वंदना की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने योजना के क्रियान्वयन हेतु तथा योजना का लाभ जरूरत मंद एवं इच्छुक किसानों को उपलब्ध कराने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि लाभार्थियों के चयन में योजना महज औपचारिक न रहे बल्कि इसका लाभ पात्र लाभार्थियों को दिया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि योजना को बड़े क्षेत्र के बजाय छोटे क्षेत्र में लागू करें तथा पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों को ही चुने। उन्होंने कहा कि योजना को एक कलस्टर के रूप में शुरू करें, जिससे योजना धरातल पर उतरी हुई दिखे।

        बैठक में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ उदयशंकर ने योजना के बारे में विभिन्न जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि गोट वैली योजना की स्थापना “हब” एवं “स्पॉक” मॉडल में की जाएगी। इस दौरान उन्होंने योजना में चयन होने के विभिन्न मापदंड एवं प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
    बैठक में जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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