पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से धाम रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है
रुद्रप्रयाग स्थित तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 26 अप्रैल और द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 22 मई को खुलेंगे। आज बैसाखी पर्व पर द्वितीय और तृतीय केदार के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गयी। इस साल 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है।
प्रतिवर्ष केदारनाथ के साथ ही द्वितीय व तृतीय केदार के कपाट खुलने व बंद होने के लिए शुभ दिन पर निश्चित होती हैं। सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार वैशाखी पर्व संक्रांति के दिन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में द्वितीय केदार मद्महेश्वर एवं मार्कण्डेय मन्दिर मक्कूमठ में तृतीय केदार तुंगनाथ मन्दिर के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है।
भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में बैसाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार 24 अप्रैल प्रातः तुंगनाथ की डोली मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ परिसर से भूतनाथ मंदिर को प्रस्थान करेगी। इस दिन भूतनाथ मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के साथ ही रात्रि विश्राम होगा। 25 अप्रैल को तुंगनाथ की देवडोली भूतनाथ मंदिर से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेंगी। 26 अप्रैल को सुबह तुंगनाथ की डोली चोपता से तुंगनाथ के लिए प्रस्थान करेगी और 10 बजकर 50 मिनट पर तुंगनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे।
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