भारत के विभिन्न हिस्सों में मुसलमान आज 21 अप्रैल को रमजान का आखिरी शुक्रवार मना रहे हैं।
भारत में ईद शनिवार 22 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी। इसी के साथ माहे रमजान अब हम सबसे विदा लेने वाला है। बता दें आज शुक्रवार 21 अप्रैल 2023 के दिन 30वां रोजा रखा गया है और ईद 30 रोजे पूरे करने के बाद ही मनाई जाती है। ऐसे में भारत में अल्लाह को शुक्राना करने का त्योहार ईद शनिवार को मनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने ईद के अवसर पर 22 अप्रैल को अवकाश घोषित किया है।
दुनियाभर में मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार
ईद अल-फितर- रमजान के आखिरी दिन को ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है, जो इस्लाम के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसलिए दुनियाभर में मुसलमानों का यह सबसे बड़ा त्योहार है। यह रमजान के एक महीने के रोजे के बाद अल्लाह की तरफ से रोजेदारों को ईनाम है। ईद खुशी बांटने और एक-दूसरे की परवाह करने के साथ-साथ भाईचारे की भावना से एक साथ मनाने के बारे में है। इसलिए इम्पार ने इस पावन अवसर पर अपील की है कि आइए हम ईद के प्रेम और भाईचारा के संदेश को फैलाएं।
PM मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी बधाई
इस बीच पीएम मोदी ने ईद उल फितर के अवसर पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को बधाई दी है। पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को ईद उल फितर के अवसर पर वहां के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि विश्व भर में ईद उल फितर मनाते हुए भाईचारे और घनिष्ठता के मूल्यों का स्मरण होता है। उन्होंने दोनों देशों के लोगों और विश्वभर के लिए शांति, सद्भाव, बेहतर स्वास्थ्य और प्रसन्नता की कामना की है।
पीएम मोदी ने भारत और बांग्लादेश के बीच बहुमुखी भागीदारी बनाने में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के निजी योगदान पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस कारण बने आदर्श से अच्छे पड़ोसी संबंध विकसित हो रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के साथ आने वाले समय में सहयोग जारी रखने की आशा व्यक्त की और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंध नई ऊंचाई को छूएंगे।
देश-दुनिया के मुसलमान पूरे जोश के साथ ईद की तैयारियों में व्यस्त
भारत लगभग 200 मिलियन मुसलमानों का घर है, जो दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी में से एक है। इस दौरान देश-दुनिया के मुसलमान पूरे जोश-खरोश के साथ ईद की तैयारियों में व्यस्त हैं। इसके साथ ही देश के कोने-कोने में ईद की खरीदारी के लिए लोग बाजारों में उमड़ पड़े हैं। रमजान के पाक महीने में सब्र और शिद्दत के साथ रोजा पूरे होने के बाद खुशियों और पाकीजगी से भरे त्योहार ईद उल फितर 2023 मनाने का जोश देख के हर एक कोने में दिखने लगा है। बाजारों में सेवइयां, मिठाईयों, नए कपड़ों और उपहारों को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ है।
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हैदराबाद हो या फिर मौसम की मिजाज से बारिश और बर्फ से जूझता जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर हो, सभी जगह लोग जोश से खरीदारी कर रहे हैं। ईद मिलने-मिलाने गिले शिकवे मिटाकर दुनिया की हिफाजती और भाईचारे को बढ़ावा देने का त्योहार हैं। इस बार मीठी ईद है और सेवइयों की मिठास और खुशबू अभी से दिलों में मिठास घोलने लगी है।
सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर ईद की नमाज अदा करने से परहेज की सलाह
ऐसे में ईद बेहतर तरीके और अधिक सौहार्द के साथ मनाई जाए, इसके लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के संगठन इम्पार ने गत वर्षों की तरह इस बार भी कुछ गाइडलाइन जारी की है। संगठन की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सड़कों पर नमाज अदा करने से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर इबादत कर लोगों के अधिकारों का उल्लंघन न करें और दूसरों को असुविधा न पहुंचने दें। अगर लोगों की संख्या अधिक है तो एक से अधिक जमात करना बेहतर विकल्प है। वाहनों की पार्किंग आरक्षित क्षेत्रों में करें या सड़क पर इस तरह से की जाए कि इससे कोई असुविधा न हो। पार्किंग प्रबंधन के लिए मस्जिदों और ईदगाह में स्वयंसेवकों के समूह बनाए जा सकते हैं। यदि घर से मस्जिद की दूरी कम हो तो अपनी कार ले जाने से बचें। इसके बजाय सार्वजनिक परिवहन लेना बेहतर है।
खुतबा के लिए लाउडस्पीकर की आवाज को रखें धीमा
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि ईदगाहों और मस्जिदों, जहां ईद की नमाज पढ़ी जानी है, बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें। संभावित कठिनाई के मामले में, अतिरिक्त बल के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन से अनुरोध करें। जनता को असुविधा से बचाने के लिए खुतबा के लिए लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा रखें। नमाज के समय के बारे में पिछले दिन की नमाज में ऐलान करके या पर्चे की छपाई के माध्यम से अग्रिम रूप से सूचित किया जा सकता है। ईदगाह और मस्जिदों में भीड़ प्रबंधन और नमाज की लाइव रिकॉर्डिंग के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया जा सकता है या कैमरामैन को काम पर रखा जा सकता है। रिकॉर्डिंग को कुछ हफ्तों के लिए सुरक्षित रखना बेहतर है।
नमाज के बाद आसपास के क्षेत्रों की उचित सफाई की जानी चाहिए
अपने दोस्तों और पड़ोसियों को एक साथ जश्न मनाने, खुशियां बांटने, सद्भाव फैलाने और दिन में और आकर्षण जोड़ने के लिए धर्म के भेदभाव के बिना सभी को आमंत्रित करें। नमाज के बाद आसपास के क्षेत्रों की उचित सफाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस मौके पर लगने वाली दुकानों से बहुत सारा खाना फैल जाता है और विक्रेता आमतौर पर बिना सफाई करे चले जाते हैं। उन क्षेत्रों से गुजरने वाले आम आदमी के लिए सभी पूजा स्थलों पर पीने के पानी और शरबत की उचित व्यवस्था करें। मिठाई या सेवई खिलाना वास्तव में अच्छा विचार होगा।