उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द Government of Uttarakhand put health services on alert, doctors holiday canceled
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सीमा पार तनाव के मद्देनज़र उत्तराखंड सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को हाई अलर्ट पर रख दिया है और सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए हवाई हमलों और जवाबी कार्रवाई की कोशिशों के बाद देशभर में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी के तहत उत्तराखंड में आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा तैयारियों को मजबूत किया जा रहा है।
आपात स्थिति के लिए अस्पतालों में इंतज़ाम तेज़
राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे की समीक्षा की है और फिलहाल सरकारी अस्पतालों में लगभग 13,000 बिस्तर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह तैयारी एहतियातन की जा रही है और इसका उद्देश्य किसी तरह की घबराहट फैलाना नहीं है। उन्होंने बताया, “हम आईसीयू, वेंटिलेटर और निजी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों की भी समीक्षा कर रहे हैं।”
राज्य भर के अस्पतालों को अपनी छतों पर रेड क्रॉस का निशान बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक डॉ. रवींद्र बिष्ट ने कहा कि सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, कर्मचारी ड्यूटी पर हैं या स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। ब्लड बैंक पूरी तरह भरा हुआ है, जनरेटर चालू हैं और डीज़ल स्टॉक की जांच की गई है। एक 30 बिस्तरों वाला विशेष वार्ड आपातकाल के लिए निर्धारित किया गया है और आईसीयू की क्षमता 80 से बढ़ाकर 100 बिस्तरों तक की गई है।
सुरक्षा समीक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठकें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था और सीमावर्ती ज़िलों—जैसे उत्तरकाशी और चमोली (चीन से सटी सीमा), चंपावत और ऊधमसिंह नगर (नेपाल से सटी सीमा)—में सतर्क निगरानी रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि इस समय लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसके साथ ही, राज्य के प्रमुख प्रतिष्ठानों, बांधों और पनबिजली परियोजनाओं की सुरक्षा की भी समीक्षा की गई। उत्तराखंड में 13 ज़िला अस्पताल, 21 उप-जिला अस्पताल, 79 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 578 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया है और किसी भी आपात स्थिति में तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।