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    Health: क्या करें क्या न करें ताकि कम हो प्री-डायबिटीज का खतरा

    Health: क्या करें क्या न करें ताकि कम हो प्री-डायबिटीज का खतरा

    भारत में डायबिटीज तेजी से फैलती गैर-संक्रामक बीमारियों में से एक बन गई है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज की श्रेणी में हैं और यदि समय पर सावधानी न बरती जाए तो यह स्थिति टाइप-2 डायबिटीज में परिवर्तित हो सकती है।

    प्री-डायबिटीज वह अवस्था होती है जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक लेकिन डायबिटीज के स्तर से कम होता है। यह स्थिति व्यक्ति के भविष्य में डायबिटीज होने की संभावना को बढ़ा देती है। हालांकि, सही डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल के जरिए इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

    प्री-डायबिटीज के लक्षण और संकेत

    यदि शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है तो कुछ विशेष लक्षण देखने को मिलते हैं:

    * अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना
    * अधिक प्यास लगना और बार-बार पानी पीने की आवश्यकता महसूस होना
    * अचानक वजन में कमी या बढ़ोतरी होना
    * भूख अधिक लगना
    * घाव या चोट का देर से ठीक होना
    * बार-बार पेशाब आना

    यदि ये लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना चाहिए।

    प्री-डायबिटीज में डाइट संबंधी परिवर्तन
    संतुलित आहार और सही पोषण से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।

    ✅ क्या खाएं?

    * फाइबर युक्त आहार: हरी सब्जियां, साबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, मल्टीग्रेन आटा) और दालें।
    * प्रोटीन से भरपूर भोजन: अंडा, दही, पनीर, दालें, सोया प्रोडक्ट्स और मछली।
    * हेल्दी फैट्स: बादाम, अखरोट, अलसी के बीज और मूंगफली।
    * कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल: जामुन, सेब, नाशपाती, संतरा, अमरूद।

    ❌ क्या न खाएं?

    * प्रोसेस्ड और जंक फूड (फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक्स)।
    * मीठे खाद्य पदार्थ (बेकरी उत्पाद, मिठाइयां, शक्कर युक्त पेय पदार्थ)।
    * अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन (सफेद चावल, मैदा, सफेद ब्रेड)।
    * अत्यधिक शराब और धूम्रपान (ये इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकते हैं)।

    नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली का महत्व

    डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. एल.एच. घोटकर (लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल, दिल्ली) के अनुसार, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से प्री-डायबिटीज को रोका जा सकता है।

    🪩 रोजाना 30-40 मिनट तक एक्सरसाइज करें , जैसे ब्रिस्क वॉक, योग, साइकिलिंग, और एरोबिक व्यायाम।
    🪩 मेडिटेशन और प्राणायाम करें, जिससे तनाव कम होगा और हार्मोन संतुलित रहेंगे।
    🪩 स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को अपनाएं, जैसे हल्के वज़न उठाना, जिससे शरीर में ग्लूकोज का सही उपयोग होगा।
    🪩रात में देर से भोजन न करें और सोने से 2 घंटे पहले हल्का भोजन करें।

    गंभीरता और जटिलताएं

    अगर प्री-डायबिटीज को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो यह टाइप-2 डायबिटीज में परिवर्तित हो सकता है, जिससे कई अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:

    🪩हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर
    🪩किडनी डैमेज और लीवर रोग
    🪩आंखों की रोशनी प्रभावित होना (Diabetic Retinopathy)
    🪩न्यूरोपैथी (नसों को नुकसान पहुंचना)
    🪩 मल्टी ऑर्गन फेल्योर और समय से पहले मृत्यु का खतरा

    प्री-डायबिटीज एक चेतावनी संकेत है, जिसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। यदि सही समय पर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जाए, तो डायबिटीज को रोकना संभव है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच, सही खानपान और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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