गंगोत्री धाम के कपाट कल खुलेंगे। इस मौके पर आज गंगा के शीतकालीन धाम मुखबा से गंगा की उत्सव भोगमूर्ति डोली आज गंगोत्री के लिए रवाना हो गयी।डोली को पारंपरिक रीति-रिवाज के सथ सवा मन के कलेऊ, स्थानीय पकवान देकर विदा किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे। विदाई के समय स्थानीय महिलाओं के आंखों में आंसू दिखे। और काफी भावुकपूर्ण माहौल दिखा।
विशेष पूजा अर्चना और आरती के बाद गंगा की उत्सव डोली को सजाया गया। इसके बाद तय मुहूर्त के अनुसार 12:15 पर मां गंगा की उत्सव डोली 11वीं बटालियन जैकलाई बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों की धुन के साथ गंगोत्री के लिए रवाना हुई।मुखबरा से निकलने के बाद मार्कण्डेय पुरी स्थित दुर्गा मंदिर में कुछ देर के लिए उत्सव डोली ने विश्राम किया और फिर प्राचीन पैदल मार्ग से होते हुए भैरों घाटी पहुंची। भैरव मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे के साथ ही रात्रि विश्राम की व्यवस्था की थी।
डोली आज रात्रि विश्राम, आनंद भैरव मंदिर, भैरव घाटी में करेगी और कल सुबह सात बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री के लिए प्रस्थान करेगी और सुबह नौ बजे गंगोत्री में पहुंचेगी। इसके बाद विधिविधान से पूजा-अर्चना कर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिये जाएंगे।