दुग्ध संघ संस्था के कर्मचारीगणों ने आज शासन को ज्ञापन भेजकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा
“प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फेडरेशन लिए हल्द्वानी (नैनीताल) द्वारा आदेश संख्या सी-3138/ प्रशा०–यू.सी.डी.एफ. / स्थानान्तरण / 2022-23 दिनांक 02 फरवरी 2023 द्वारा दुग्ध संघ अल्मोड़ा में प्रधान प्रबंधक के पद पर तैनात सन्तोष कुमार सिंह को स्थानान्तरित करते हुये उनके स्थान पर दुग्ध संघ पिथौरागढ़ में तैनात राजेश मेहता को दुग्ध संघ अल्मोड़ा में प्रधान प्रबन्धक का कार्य दायित्व दिया गया है।
राजेश मेहता यू०सी०डी०एफ० के कार्मिक है जिनकी दुग्ध संघ अल्मोड़ा में तैनाती होने पर इनके वेतन का व्यय भार लगभग 1.25 लाख प्रतिमाह संस्था को वहन करना होगा, जो संस्था की आर्थिक स्थिति सुदृढ न होने के कारण संभव नहीं है। क्योंकि संस्था के कर्मचारियों को विगत 02 माह का वेतन भुगतान + विगत 03 वर्ष से कर्मचारियों को छठे वेतनमान में स्वीकृत महंगाई भत्ता का भुगतान लम्बित है, जिसके सापेक्ष लगभग रू0 01 करोड़, पशु आहार क्रय का भुगतान रू0 65 लाख लम्बित है। इसके अतिरिक्त दुग्ध उत्पादकों को 02 माह से दुग्ध क्रय मूल्य का भुगतान रू० 02 करोड़ नहीं किया गया है, जो लम्बित है। साथ ही दुग्ध संघ चम्पावत को दुग्ध क्रय का रू0 19 लाख, दुग्ध संघ पिथौरागढ़ को रू० 02 लाख, दुग्ध संघ लालकुओं को रू0 14 लाख की धनराशि का भुगतान किया जाना लम्बित है। अतः इस प्रकार कुल रू0 04 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया जाना लम्बित है। अत हम समस्त कर्मचारियों की मांग है कि संस्था में राजकीय अधिकारी / कर्मचारी को ही प्रधान प्रबन्धक का कार्य दायित्व दिया जाय। अभी तक आदेश निरस्त न होने के कारण ही कर्मचारी दिनांक 03-02-2023 से कार्य बहिष्कार कर आन्दोलन कर रहे है। सोमवार की सांय तक आदेश निरस्त न होने की दशा में 07 फरवरी से दुग्ध उपार्जन / वितरण के वाहनों को अपरान्ह 12 बजे तक दुग्धशाला में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा, वाहनों के विलम्ब से प्रवेश करने पर दुग्ध के खट्टा-फटा होने पर समस्त उत्तरदायित्व शासन / प्रशासन का होगा।


‘यदि मेहता का वेतन यू.सी.डी.एफ. / अन्य से भी देय होता है तब भी ये प्रधान प्रबन्धक के पद पर स्वीकार्य नही है क्यों कि मेहता के दुग्ध संघ पिथौरागढ़ में कार्यकाल के दौरान साइलेज घोटाला एवं भ्रष्टाचार की जाँच चल रहीं है (जो दैनिक समाचार पत्र में भी प्रकाशित है ) ( प्रति संलग्न) तथा सहायक निदेशक, डेरी विकास विभाग उत्तरा० पिथौरागढ़ द्वारा भी स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन मानक के अनुरूप न करने के सम्बन्ध में पत्र जारी किया गया है।”
