‘ऊं पर्वत’ और आदि कैलाश यात्रा आज से शुरू हो रही।
यात्रा दल पहले दिन कैंची धाम, चितई गोलू देवता मंदिर और जागेश्वर धाम के दर्शन कर पर्यटक आवास गृह जागेश्वर में दिन का भोज करेगा और भोजन के उपरांत पिथौरागढ़ को रवाना होगा। यात्रा दल में 9 महिलाओं सहित कुल 19 यात्री हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यात्रा का प्रथम दल पर्यटक आवास गृह काठगोदाम से सुबह 9 बजे रवाना होगा। यात्रा दल पहले दिन कैंची धाम, चितई गोलू देवता मंदिर और जागेश्वर धाम के दर्शन कर पर्यटक आवास गृह जागेश्वर में दिन का भोज करेगा और भोजन के उपरांत पिथौरागढ़ को रवाना होगा। यात्रा दल में 9 महिलाओं सहित कुल 19 यात्री हैं। बताया गया है इस प्रतिष्ठित यात्रा के अगले दलों लिए अभी भी बुकिंग की जा सकती हैं।
आदि कैलाश उत्तराखंड की सबसे पवित्र पर्वत चोटियों में से एक है। यह पर्वत शिखर इतना पवित्र है कि इसे भारत का कैलाश पर्वत माना जाता है। आदि कैलाश को इसके दूसरे नाम से भी पुकारा जाता है और वह है छोटा कैलाश, जिसका अर्थ है ‘छोटा कैलाश’। यह पर्वत शिखर पंच कैलाश पर्वत चोटियों में से एक है। यह तिब्बत में कैलाश पर्वत के बाद दूसरी सबसे पवित्र पर्वत चोटी भी है। तीर्थयात्रियों की इस पवित्र पर्वत के प्रति गहरी श्रद्धा है और वे इसके अत्यधिक धार्मिक महत्व के लिए इसका सम्मान करते हैं। ॐ पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं पुराणों जैसे ग्रंथों में मिलता है।