एक घण्टे तक 108 को कॉल करते रहे लेकिन किसी ने भी कॉल नही उठाया
प्रदेश में आये दिन दुर्घटना के दुःखद मामले सामने आ रहे है। यहाँ भवाली- अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के गरमपानी के पास झूला पुल पर हल्द्वानी से अल्मोड़ा की तरफ जा रही एक कार तथा अल्मोड़ा से कैंची धाम जा रही एक बाइक की आमने सामने जोरदार भिड़तं हो गयी, भिड़तं इतनी जोरदार थी कि कार तथा बाइक के पचखरे उड़ गए तथा बाइक चालक सड़क से निचे खेतो में जा गिरा।
दुर्घटना में बाइक सवार मनीष सिंह बनकोटी पुत्र अनिल नकोटी उम्र 21 वर्ष निवासी ठुंगाधार अल्मोड़ा तथा दिव्यांशु रावत पुत्र मनोहर रावत उम्र 16 वर्ष निवासी ठुंगाधार अल्मोडा गम्भीर रूप से घायल हो गए,
घटना होते ही आसपास के लोगो द्वारा इसकी सूचना खैरना चौकी को दी गयी, घटना की सूचना मिलते ही खैरना चौकी के इंचार्ज दलीप कुमार तथा प्रयाग जोशी मौके पर पहुँच गए। तथा दोनो घायलों को निजी वाहन से समुदियाक स्वस्थ केन्द्र खैरना लाया गया, जहाँ दोनो घायलों को चोट को गंभीर जान हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
वही मनीष के साथ घायल दिव्यांशु रावत ने बताया की घायल मनीष सिंह बनकोटी को हल्द्वानी हायर सेंटर ले जाने के दौरान उसने भीमताल में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद उसे हल्द्वानी एम्बुलेंस से घर ले लाया गया।
पुलिस ने जानकारी दी कि दोनों वाहनो की आपसी भिड़त के बाद रेस्क्यू कर घायलो को समुदियाक स्वस्थ केन्द्र पहुँचाया गया है, जहाँ हादसे के कारणों को जानने की कोशिश की जा रही है।
पहाड़ पर लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की एक बार फिर पोल खुल गई जिसके चलते एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ गई। हादसे के बाद मनीष को तुरन्त समुदियाक स्वस्थ केन्द्र खैरना लाया गया जिसके बाद डॉ अनिल गंगवार द्वारा चोट गंभीर जान उसे हायर सेंटर हलद्वानी को रेफर कर दिया गया, जिसके बाद उसके साथ आये दोस्तो द्वारा 1 घण्टे तक अति आवश्यक 108 को कॉल करते रहे लेकिन किसी ने भी कॉल नही उठाया जिसके चलते उसके परिजन उसे अन्य वाहन के माध्यम से हलद्वानी को ले गए, लेकिन कैंची, भवाली तथा भीमताल में भारी जाम के चलते वह समय पर हायर सेंटर नही पहुँच पाये जिससे मनीष ने भीमताल पहुँचते ही दम तोड़ दिया। अगर मनीष को 108 की समय पर सुविधा तथा मार्ग में जाम नही मिलता तो शायद मनीष की जान बच जाती।
बताया जा रहा है हादसे में मृतक मनीष अपने परिवार का इकलौता बेटा था।वहीं इस खबर के मिलने से घर मे दुःख का पहाड़ गिर गया है। सबका रो रो कर बुरा हाल है।