वन चेतना केंद्र एन टी डी में फायर फाइटरों को द हंस फाउंडेशन व विभाग दे रहा प्रशिक्षण ।
हंस फाउंडेशन के सी डी एस रजनीश रावत जी ने बताया की उत्तराखंड के चार जनपद के 10 विकास खंडो मे परियोजना संचालित है जिसमे अल्मोड़ा जनपद के ताकुला और हवालबाग के 200 राजस्व ग्राम चयनित है और द हंस फाउंडेशन द्वारा इन गांवों में ग्राम स्तर पर फायर फाइटर चयनित किए गए हैं जो वनों को बचाने के लिए स्वयंसेवक के रूप में आगे आए हैं । वनों की आग को ग्राम स्तर पर कैसे नियंत्रित किया जाए उसके लिए फायर फाइटरों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा हैं
एस डी आर एफ के पंकज डंगवाल जी के द्वारा आग , वनाग्नि के कारण के बारे मे बताते हुए कहा की जंगलो मे फेके गये कूड़ा भी एक बड़ा करण है , आग के तीन प्रकार जमीनी आग,सतही आग ,मुकुट आग के बारे में जानकारी देते हुए आग को कंट्रोल करने के तरीके,वनाग्नी प्रबन्धन , इंप्रोवाइज तरीके से स्ट्रेचर बनाना , फायर इक्विपमेंट की जानकारी , और व्यवहारिक अभ्यास कराया गया।
अग्निशमन विभाग अल्मोड़ा के मुकेश चतुर्वेदी जी ने आग लगने से बचने के लिए ये उपायों को बताते हुए कहा की आग लगने पर धैर्य से काम करना होता हैं ओर उपकारणों की जानकारी दी आग के दौरान बर्तने वाली सावधानियों के बारे में बताया और आग के समय उपयोग होने वाले उपकरणों की जानकारी दी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हवालबाग की डॉक्टर तनुजा ने प्राथमिक उपचार के बारे मे बताते हुए कहा की जले हुए या झुलसे हुए हिस्से को तुरंत ठंडा करें। उस पर करीब 20 मिनट तक ठंडा पानी डालें। इससे दर्द में आराम मिलता है और निशान पड़ने और सर्जरी की जरूरत पड़ने का खतरा कम हो जाता है। जली हुई त्वचा पर केवल ठंडा पानी डालें।
वन क्षेत्राधिकार अधिकारी दीपक पंत और पूनम पंत ने फायर लाइन और उपकारणों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में के बरसीमी ,केस्ता, घूरशु, रिखे, लटवाल गाव, टानी के फायर फाइटर, स्वास्थ्य विभाग के डा. सी.एस. जोशी,फार्मसिस्ट योगेश भट्ट, एस डी आर एफ के कमल जोशी,गुलशन कुमार,दीपक सिंह, वन विभाग के दीवान ढेला,रवि अधिकारी,महेन्द्र ,ब्लाक समन्वयक चंद्रेश पंत, अनीता कनवाल, दीपक,शंकर, करन, इंदु मेहता, लीला बिष्ट आदि उपस्थित रहे