एफएसएसएआई ने डेयरी उत्पादों के लिए ए1, ए2 लेबल के खिलाफ एडवाइजरी जारी करने के पांच दिन बाद ही इसे वापस ले लिया, क्योंकि इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत थी। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि वेणुगोपाल बदरावदा के पत्र ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में अपने एक आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें दूध और दूध उत्पादों पर A1 और A2 के लेबल से संबंधित दावों को खाद्य सुरक्षा मानक कानून का उल्लंघन करार दिया गया था। पहले दिए गए आदेश के तहत, इन दावों को उत्पादों से हटाने का निर्देश दिया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है।
FSSAI ने इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस मुद्दे पर डेयरी उद्योग के कारोबारियों और अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। तब तक, FSSAI ने अपने पूर्व आदेश को स्थगित कर दिया है, जिसका अर्थ है कि A1 और A2 प्रकार के दूध के दावों के साथ उत्पादों की बिक्री जारी रहेगी।
FSSAI का पूर्व आदेश और नई स्थिति
21 अगस्त को FSSAI ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें A1 और A2 प्रकार के दूध के दावों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया था। FSSAI ने कहा था कि ये दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं और इन्हें हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भी इन दावों को अपनी वेबसाइट और उत्पादों से तुरंत हटाने के लिए कहा गया था।
FSSAI के नियमों में A1 और A2 का अंतर मान्य नहीं
FSSAI ने जांच में पाया था कि A1 और A2 दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन की संरचना में अंतर होता है, लेकिन FSSAI के मौजूदा नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते। इसीलिए, पहले इस अंतर के आधार पर किए गए दावों को कानून का उल्लंघन मानते हुए हटाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, अब इस आदेश को वापस लेकर, FSSAI ने डेयरी उद्योग के हितधारकों से बातचीत के बाद ही अंतिम निर्णय लेने की बात कही है।
इस यू-टर्न के बाद, A1 और A2 दूध के दावों के साथ उत्पादों की बिक्री फिलहाल जारी रहेगी।