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    अब यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नया प्लान




    केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में आने वाले समय में शुरू होने वाली एक नई बस सर्विस के बारे में लोगों को जानकारी दी। अपनी योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में एक ऐसी बस सर्विस शुरू करने की योजना है जिसमें यात्रा करने के लिए आपको टिकट लेने की जरूरत नही होगी, बल्कि ये सब कुछ महज एक कार्ड के प्रयोग से संभव हो सकेगा ।

    यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं

    केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में टिकट चोरी एक बड़ी समस्या है। इसी को देखते हुए स्टेट कॉर्पोरेशन को एक नई तरह के बस सर्विस का सुझाव दिया गया है। सरकार की योजना है कि जल्द ही ऐसी इलेक्ट्रिक बस का परिचालन किया जाएगा जिसमें टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी। यात्री के पास एक कार्ड होगा। यात्री यात्रा खत्म होने के बाद बस से उतरते समय ड्राइवर के पास लगे स्कैनर मशीन पर कार्ड पंच करेगा और पैसा सीधे उनके बैंक खाते से कट जाएगा। ये कुछ ऐसा ही होगा जैसा कि आज के समय में मेट्रो सर्विस में देखने को मिलता है। 

    डीजल चोरी से भी मिलेगी निजात

    सरकारी बसों में डीजल चोरी भी एक प्रमुख समस्या है, लेकिन इलेक्ट्रिक बसों के साथ ऐसा नहीं हो सकता है। इलेक्ट्रिक बसें जहां एक तरफ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है तो वहीं दूसरी ओर ये डीजल चोरी पर भी लगाम लगाती हैं। इलेक्ट्रिक बसों में बिजली की चोरी भी नहीं हो सकती है और इलेक्ट्रिक बस देश के नेट-जीरो कार्बन 2070 के लक्ष्य को प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बस परिवहन मंत्रालय और यात्रियों दोनों के लिए फायदे का भी सौदा है। इलेक्ट्रिक बस काफी किफायती भी होती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में चलने वाले डीजल बस की कॉस्ट 115 रुपये प्रति किमी है। अभी हाल ही में मुंबई में डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस लॉन्च की गई। इस डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस में नॉन एसी बस की रनिंग कॉस्ट 39 रुपये प्रति किमी है और एसी बस की रनिंग कॉस्ट 41 रुपये प्रति किमी है। यानी हम दिल्ली और अन्य राज्यों में एसी बसों के लिए महज 41 रुपये प्रति किमी खर्च कर के और टिकट रेट को 25 से 30 प्रतिशत कम कर के मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

    सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने पर फोकस

    केंद्र सरकार का फोकस सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने पर है। केंद्र सरकार की तरफ से लगातार पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। इसके बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द ही हमारे यहां भी यूरोपीय देशों में जैसे फ्रांस, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम के ही तर्ज पर एयर कंडीशनर डबल डेकर लग्जरी बसों की सर्विस मिलेगी। हाल ही में बेंगलुरु में Volvo द्वारा तैयार की गई 15 मीटर लंबी बस को शुरू किया गया है। बस में स्लीपर कोच और एयर सस्पेंशन है। सरकार की प्राथमिकता फ्यूल कास्ट को कम कर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर करने की है। जिससे यात्रियों को किफायती और आरामदेह सर्विस दी जा सके। इससे आम जनता अपने व्यक्तिगत वाहन का इस्तेमाल करने के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेगी। जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।

    बजट में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने पर जोर

    बता दें कि,केंद्र सरकार लंबे समय से पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। यही कारण है कि इस साल के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने के वाले लिथियम बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को कम करने की घोषणा की है। इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को 21 प्रतिशत से कम कर के 13 फीसदी कर दिया गया है। वर्तमान में लिथियम सेल भारत में निर्मित नहीं होते हैं बल्कि इनको बाहर से आयात किया जाता है। सरकार के इस कदम से इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। यह ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में सरकार का एक बढ़ा कदम है।

    आज के समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक शक्तिशाली हथियार के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में, भारतीय सड़कों पर 14 लाख  से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हैं, जो पिछले साल 4 प्रतिशत से ज्यादा एडॉप्शन रेट के हिसाब से आगे बढ़ा है जबकि 2019 में यह केवल 0.7 प्रतिशत था। आज लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं साथ ही सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों से लोगों को काफी फायदा भी हो रहा है।

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