ओलंपिक खेलों में हमेशा से ही असाधारण प्रदर्शन देखने को मिलते हैं, और पेरिस ओलंपिक 2024 ने भी हमें एक ऐसा ही यादगार पल दिया। इस बार की सुर्खियों में सबसे ऊपर रहे फ्रांस के युवा स्वीमर लियॉन मर्चेंड, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से न केवल इतिहास रचा बल्कि पूरी दुनिया को हैरान कर दिया।
22 साल के लियॉन मर्चेंड ने पेरिस ओलंपिक में कुल 5 मेडल अपने नाम किए, जिनमें से 4 गोल्ड और 1 सिल्वर शामिल हैं। अगर लियॉन को एक देश माना जाए, तो उनका स्थान 186 देशों से ऊपर आता है, जो इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने कितनी अद्वितीय सफलता हासिल की है।
मर्चेंड ने चार गोल्ड मेडल अपने व्यक्तिगत इवेंट्स में जीते। उन्होंने 400 मीटर मेडले, 200 मीटर मेडले, 200 मीटर बटरफ्लाई और 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश का मान बढ़ाया। इसके अलावा, उन्होंने 4×100 मेडले रिले में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी उत्कृष्टता को और भी ऊंचाई दी।
लियॉन मर्चेंड की इस अद्वितीय सफलता के पीछे उनके कोच बॉब बोवमैन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। बोवमैन वही कोच हैं जिन्होंने माइकल फेल्प्स को ओलंपिक के महानतम तैराकों में से एक बनाया। मर्चेंड की ट्रेनिंग और समर्पण ने उन्हें पेरिस ओलंपिक का सितारा बना दिया।
अगर हम पेरिस ओलंपिक की मेडल टैली देखें, तो केवल 18 देश ही ऐसे हैं जिन्होंने 4 गोल्ड और एक सिल्वर से ज्यादा मेडल जीते हैं। एशिया के संदर्भ में, सिर्फ जापान, दक्षिण कोरिया, और उज्बेकिस्तान ही ऐसे देश हैं जिन्होंने लियॉन मर्चेंड से ज्यादा गोल्ड मेडल जीते। भारत ने इस ओलंपिक में एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीता।
लियॉन मर्चेंड का यह प्रदर्शन न केवल फ्रांस के लिए बल्कि तैराकी की दुनिया में भी एक नई मिसाल के रूप में स्थापित हो गया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है।