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    कोविड वायरस की उत्पत्ति लैब से नहीं, बल्कि…कोविड लैब-लीक थ्योरी पर नया अध्ययन

    Covid

    पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यह बहस जारी है कि कोविड-19 वायरस आखिर आया कहां से? क्या यह चीन के वुहान लैब से लीक हुआ था या फिर जानवरों से इंसानों में स्वाभाविक रूप से फैला?

    अब यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा द्वारा किए गए एक नए अध्ययन ने इस बहस में नया मोड़ ला दिया है। यह शोध बताता है कि वायरस की उत्पत्ति लैब से नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के चमगादड़ों से हुई।

    अध्ययन में क्या कहा गया है?

    यह अध्ययन प्रसिद्ध वैज्ञानिक जर्नल Cell में प्रकाशित हुआ है। इसे अब तक का सबसे मजबूत आनुवंशिक सबूत माना जा रहा है जो कोविड के लैब-लीक सिद्धांत को खारिज करता है।

    मुख्य बिंदु:

    167 चमगादड़ कोरोना वायरस जीनोम का विश्लेषण किया गया।

    वायरस के सबसे करीबी रिश्तेदार चीन के युन्नान और लाओस के चमगादड़ों में पाए गए।

    वायरस का निकटतम पूर्वज 2012–2014 के बीच उभरा होगा।

    यह क्षेत्र वुहान लैब से हजारों किलोमीटर दूर है।

    मुख्य शोधकर्ता जोनाथन पेक़ार के अनुसार:

    “यह डाटा स्पष्ट करता है कि कोविड वायरस का मूल वुहान की किसी लैब से नहीं, बल्कि प्राकृतिक वातावरण से है।”

    कैसे खारिज होती है लैब-लीक थ्योरी?

    लैब-लीक थ्योरी की वकालत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई अधिकारियों ने की है। उन्होंने दावा किया था कि वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला।

    उनके तर्क:

    वायरस में कुछ असामान्य जैविक संकेतक हैं।

    वुहान लैब के वैज्ञानिकों में पहले लक्षण दिखाई दिए।

    प्राकृतिक संक्रमण का कोई ठोस सबूत नहीं है।

    लेकिन यह नया अध्ययन इन सभी तर्कों को जैविक सबूतों से खारिज करता है।

    क्या अवैध वन्यजीव व्यापार जिम्मेदार है?
    शोधकर्ताओं का मानना है कि वायरस के मानवों तक पहुंचने में अवैध वन्यजीव व्यापार की बड़ी भूमिका हो सकती है।

    संक्रमित चमगादड़ वुहान से 2,700 किमी दूर पाए गए।

    इतनी लंबी दूरी की प्राकृतिक माइग्रेशन संभव नहीं है।

    संभावना है कि जानवरों की अवैध तस्करी के जरिए वायरस शहरी इलाकों तक पहुंचा।

    शोध के वरिष्ठ लेखक माइकल वोरोबी ने बताया:

    “जैसे SARS-CoV-1 में सिवेट कैट्स और रैकून डॉग्स ने माध्यम की भूमिका निभाई थी, वैसे ही SARS-CoV-2 में भी हुआ होगा।”

    वायरस की उत्पत्ति अब भी रहस्य

    हालांकि यह अध्ययन प्राकृतिक उत्पत्ति की संभावना को मज़बूत करता है, लेकिन यह अभी भी नहीं बताता कि कोविड-19 आखिर इंसानों में कैसे फैला।

    बिल्कुल सटीक “इंटरमीडिएट होस्ट” (मध्यवर्ती जानवर) का पता अब तक नहीं चल पाया है।

    फिर भी, वैज्ञानिक अब मान रहे हैं कि वायरस की उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से चमगादड़ों में हुई और इंसानी गतिविधियों जैसे अवैध व्यापार के ज़रिए यह महामारी बन गई — न कि किसी लैब दुर्घटना से।

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