मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल देहरादून में भारतीय वन सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मानव- वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आम जन से सहयोग और वन पंचायतों को मजबूत बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास करने पर जोर दिया।
उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश
इस दौरान सीएम धामी ने कहा लंबे समय बाद भारतीय वन सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य सरकार का सरलीकरण, समाधान और निस्तारण का जो मंत्र है। इस ओर भारतीय वन सेवा के अधिकारी भी अपने क्षेत्र और अपने स्थान पर और अच्छी तरह से योगदान दें। राज्य के विकास में योगदान दे। साथ ही उत्तराखंड राज्य साल 2025 में जो अपना रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है, जिसके लिए सभी विभागों से अपेक्षा की गई है। मानव एवं वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आम जन से सहयोग एवं वन पंचायतों को मजबूत बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। राज्य में वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वन सम्पदाओं से सपन्न राज्य है। अपनी वन संम्पदाओं के सदुपयोग से हम लोगों की आजीविका में कैसे वृद्धि कर सकते हैं, इस दिशा में हमें निरंतर प्रयास करने होंगे। पर्यावरण संतुलन विश्व की सबसे बड़ी चिंता है। वन विभाग को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर एवं लोगों को इसके प्रति जागरूकता में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वन क्षेत्र बढ़ा है, इसके लिए उन्होंने वन विभाग के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वनों एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें इनको लोगों की आजीविका से जोड़ना होगा।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत ज्योत्सना सितलिंग, आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल लाल एवं भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
