सोलह दिनों से सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिक, बदलते मौसम ने बढ़ाई चिंता
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ढही सिलक्यारा टनल / सुरंग के नीचे फंसे 41 श्रमिकों को सोलह दिन और 380 घंटे से अधिक समय की तकलीफ के बाद, उनके बचाव के लिए लंबे इंतजार का सामना करना पड़ सकता है, जो संभवतः कई दिनों या हफ्तों तक बढ़ सकता है।
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में येलो अलर्ट जारी किया है।उत्तरकाशी समेत कई जगह बारिश (Rainfall) के आसार हैं और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। बारिश से ऑपरेशन में परेशानी आ सकती है. इस बीच, रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने कमान संभाल ली है। उत्तरकाशी में मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
उत्तरकाशी(उत्तराखंड) सुरंग बचाव | माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, “… ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है… मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे बाद शुरू होगी… हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है। जल्दी भी हो सकता है और थोड़ा लंबा भी हो सकता है…हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं…”
1-2 मीटर क्षतिग्रस्त पाइप को हटाने पर पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ और सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक हरपाल सिंह ने बताया, “मौजूदा स्थिति में जो ऑगर मशीन फंसी थी, उसे निकाल लिया गया है। 1.5 मीटर की क्षतिग्रस्त पाइप को निकालने का काम जारी है… उम्मीद है कि जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा…”
वहीं कल उत्तरकाशी, सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिक बंधु पुष्कर सिंह ऐरी जी के टनकपुर, चंपावत स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट की एवं उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान उन्हें श्रमिकों को बाहर निकालने हेतु केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की जानकारी दी।