• Tue. Dec 2nd, 2025

    क्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हार्ट अटैक कम होता है? जानिए

    हार्ट अटैक महिलाओं और पुरुषों दोनों में आजकल होने वाली आम किंतु घातक समस्या है। यहां प्रचलित मिथकों और वास्तविक तथ्यों के माध्यम से हम समझाने का प्रयास करते हैं कि हृदय स्वास्थ्य में लिंग के आधार पर जोखिम किस प्रकार भिन्न हो सकते हैं।

    मिथक: महिलाओं में हार्ट-अटैक दुर्लभ होते हैं

    तथ्य : यह धारणा कि पुरुषों को हार्ट अटैक अधिक बार होते हैं, आंशिक रूप से सही है, किन्तु यह पूर्ण सच नहीं है। महिलाएँ भी हार्ट अटैक की चपेट में आ सकती हैं, विशेषकर मेनोपॉज के बाद, जब हार्मोनल परिवर्तन उन्हें अधिक जोखिम में डाल सकते हैं।

    मिथक: महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के समान होते हैं
    तथ्य: महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं। जहां पुरुषों में आमतौर पर सीने में तीव्र दर्द होता है, महिलाओं में सीने में असहजता के साथ पीठ, जबड़े या बांह में दर्द और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

    मिथक: महिलाओं में हार्ट अटैक का कारण पुरुषों से अलग होता है
    तथ्य: हार्ट अटैक के मुख्य कारण—उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, मोटापा, और धूम्रपान—महिलाओं और पुरुषों दोनों में समान रूप से प्रभाव डालते हैं।

    मिथक: मल्टीविटामिन्स से महिलाओं में हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है
    तथ्य: जबकि विटामिन्स और सप्लीमेंट्स शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य हैं, वे हार्ट अटैक के जोखिम को सीधे तौर पर कम नहीं करते। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चिकित्सीय जांच हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं।

    By swati tewari

    working in digital media since 5 year

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *