अल्मोड़ा में मंगलवार को विज्ञान शोध पत्र लेखन पर कार्यशाला का आयोजन हुआ । कम्प्यूटर विज्ञान विभाग एवं यूकोस्ट देहरादून के द्वारा आयोजित कार्यशाला में सिंगपुर के राष्ट्रीय विश्व विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डा. राम सिंह राणा द्वारा शोध के सम्बन्धित सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।
जन्तु विज्ञान सेमिनार हॉल में इस कार्यशाला में डा० राणा ने भारतीय विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता युक्त एवं जीवनोपयोगी शोध की आवश्यकता को स्पष्ट किया। संगोष्टी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो० एच० सी० जोशी विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र द्वारा किया गया। जिसकी अध्यक्षता विभागाध्यक्ष कंप्यूटर विज्ञान पारुल सक्सेना द्वारा की गयी। संगोष्ठी के आयोजक सचिव डा0 मनोज एवं डा० भुवन चंद्र ने इस अवसर पर विज्ञान लेखन सम्बन्धी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सभी मुख्य वक्ताओं द्वारा रिपोर्ट का विमोचन किया गया। डा० विनोद कुमार उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी द्वारा अपने व्याख्यान में सभी विषयों से सम्बन्धित शोध की मूल भावनाओं को सामाजिक विज्ञान, विज्ञान के पारस्पारिक सम्बन्धों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया। प्रो०एचसी जोशी द्वारा गणित अर्थशास्त्र सांख्यकी व कंप्यूटर विज्ञान के द्वारा विश्लेषण की समानता पर प्रकाश डाला गया। प्रो० बी० डी०एस० नेगी द्वारा कला संकाय के शोध में वैज्ञानिक विषय के तथ्यों को समावेशिता को महत्वपूर्ण बताया।
संगोष्ठी में अन्य शोधार्थियों देव पाण्डे, प्राची जोशी, अंशु टम्टा आदि ने भी शोध पत्र प्रस्तुत किये, संगोशी में डॉ० रुबीना अमान डा० सुभाष चन्द्रा, डा ०रविन्द्र पाठक, डा० राजेन्द्र जोशी, डॉ० विजेता सत्याल, डॉ० अर्पिता जोशी, डॉ सुमित खुल्बे, रश्मि, कंचन सहित अनेको प्रध्यापकों एवं शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी का संचालन डा० मनोज सिंह एवं डा० भुवन चंद्रा द्वारा किया गया।