Haldwani: मिठाई और स्नैक दुकानों में भारी गंदगी, मेस में छात्रों को परोसी जा रही दाल में कीड़े :: Haldwani: Huge dirt in sweets and snack shops, worms in the pulses served to students in the mess
हल्द्वानी। शहर में सार्वजनिक खाद्य सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बुधवार को नगर निगम की जांच में सिंधी चौराहे पर स्थित मिठाई और स्नैक दुकानों में भारी गंदगी पाई गई। वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के एमबीबीएस हॉस्टल की मेस में छात्रों को परोसी जा रही दाल में कीड़े मिलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। दोनों ही घटनाओं ने शहर की सफाई व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है।नगर निगम को बीते कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सिंधी चौराहे पर स्थित जायसवाल स्वीट्स की तीन दुकानों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बेहद खराब है और साफ-सफाई का अभाव है। इसी को लेकर बुधवार को निगम की टीम ने मौके पर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान समोसे में कॉकरोच और गुलाब जामुन में कीड़े मिले। दुकानों के किचन में गंदगी का आलम यह था कि वहां चूहे खुलेआम घूमते पाए गए। इतना ही नहीं, दुकान वालों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण कर सामान बेचा जा रहा था, जिसे तत्काल जब्त कर लिया गया।नगर निगम ने तीनों दुकानों का ₹5,000-₹5,000 का चालान काटा और खाद्य सुरक्षा विभाग को भी मौके पर बुलाया गया। विभाग की टीम ने खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, दुकानों के फूड लाइसेंस को स्थगित कर दिया गया है। नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।इसी बीच, हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस हॉस्टल की मेस भी लापरवाही के चलते चर्चा में आ गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में छात्रों द्वारा परोसी गई दाल में कीड़े साफ नजर आ रहे हैं। कॉलेज में प्रथम वर्ष से लेकर पांचवें वर्ष तक के छात्र-छात्राएं चार हॉस्टलों में रहते हैं, जिनकी मेस का संचालन एक कथित ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है।छात्रों का कहना है कि मेस संचालन की निगरानी के लिए 12 छात्रों की एक कमेटी बनी है, जिसकी हर 15 दिन में बैठक होती है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन बैठकों में कॉलेज प्रशासन का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होता। शिकायतें इसी कमेटी द्वारा ठेकेदार को की जाती हैं, लेकिन ठेकेदार छात्रों की बातों को नजरअंदाज करता है।गौरतलब है कि बीती 5 फरवरी को भी मेस में गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें आई थीं, जिसके बाद से प्रशासन मेस का नया टेंडर कराने की प्रक्रिया में लगा है। हालांकि, छात्रों का कहना है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।इन दोनों घटनाओं ने साफ कर दिया है कि शहर में खाद्य मानकों को लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है। अब देखना यह होगा कि नगर निगम और कॉलेज प्रशासन इस पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।